Bhavishy Darshan
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Favourable Gems/राशि रत्न


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Tantrik Pendant/ तांत्रिक लाकेट

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Rashiphal / राशिफल

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दीक्षान्त समारोह फोटो

 
ज्योतिष शास्त्र पाठ्यक्रम

ज्योतिष रत्न: यह पाठ्यक्रम नवीन विद्यार्थियों के लिए है जो ज्योतिष जगत में पहला कदम रख रहे हैं। इस पाठ्यक्रम में ज्योतिष की मूल गणना, ग्रह एवं भाव का फल एवं जन्मपत्रिका के मूल अवयवों का ज्ञान मूल उद्देश्य है। इस में पंचांग देखना भी सिखाया जाता है। इस पाठ्यक्रम में विद्यार्थी ज्योतिष के मूल सिद्धांत समझ जाते हैं।

ज्योतिष भूषणः ज्योतिष रत्न के पश्चात् ज्योतिष में यह दूसरा कदम है। इसमें अतिरिक्त गणना एवं जन्मपत्रिका का पूर्ण विवेचन करना सिखाया जाता है। कि ग्रह का क्या उपाय किया जाए, इस पाठ्यक्रम में बताया जाता है। कुंडली मिलान एवं मुहूर्त पर पूर्ण रुप से जानकारी दी जाती है। इस पाठ्यक्रम के बाद विद्यार्थी प्रतिदिन काम आने वाली भविष्यवाणी या मिलान एवं मुहूर्त आदि देख सकता है।

ज्योतिष प्रभाकरः ज्योतिष में प्रश्न विज्ञान की अपनी उपयोगिता है। इसमे प्रश्नकर्ता के प्रश्न पूछने के समय की कुण्डली बनाकर उत्तर दिया जाता है। यह प्रश्न कुण्डली सिद्धांत इस पाठ्यक्रम में सिखाया जाता है। साथ ही, वर्ष कुण्डली गणना व फलित एवं षड्बल गणना द्वारा फलित इस पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाता है।

ज्योतिष शास्त्राचार्यः यह ज्योतिष पाठ्यक्रम का अंतिम सोपान है। इसमें विभिन्न पद्धतियाँ जैसे जैमिनी पद्धति एवं कृष्णमूर्ति पद्धति के बारे में बताया जाता है। मेदिनीय ज्योतिष में देश विदेश की घटनाओं के बारे में भविष्यकाल कथन सिखाया जाता है। आयुविचार में जातक की आयु की गणना करना सिखाया जाता है।

ज्योतिष ऋषिः यह पाठ्यक्रम उन सभी ज्योतिषियों के लिए है जो ज्योतिष जानते हैं एवं ज्योतिष कार्य करते हैं लेकिन वे भविष्य कथन में सुदृढ़ नहीं हैं। इस पाठ्यक्रम में फलादेश तकनीक, कुंडली मिलान तथा मुर्हूत का पुनरावलोकन कराया जाता है। साथ ही महत्वपूर्ण व्यक्तियों की कुण्डलियों का विवेचन एवं मूल ग्रन्थों का स्वाध्याय कराया जाता है। इसमें उत्तीर्ण होने के लिए शोध निबन्ध लिखना व परियोजना कार्यान्वयन अनिवार्य है।

ज्योतिष महर्षिः यह पाठ्यक्रम केवल शोध एवं अनुसंधान कार्य के लिए बनाया गया है। इस पाठ्यक्रम में शोध के लिए डाटा इकठ्ठा कर अनुसंधान करवाया जाएगा। ग्रंथों में दिए गए नियम कितने सही हैं यह प्रमाणित करना एवं नय नियम प्रस्तावित करना इसका मुख्य उद्देश्य है। इसकी अवधि एक वर्ष से तीन वर्ष हो सकती है। इसमें छात्र को शोध पत्र (थिसिस) लिखना होगा एवं पत्र पत्रिकाओं में छपवाना आवश्यक होगा।

प्रवेश प्रणालीः किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश जिज्ञासु दो फार्म भरकर धनराशि ज्योतिष तंत्र शिक्षा प्रसार समिति, भविष्य दर्शन, आगरा केंद्र में जमा कराएं। धनराशि भविष्य दर्शन, आगरा के नाम ड्राफ्ट/चेक द्वारा या नकद दी जा सकती है।
आप किस पाठ्यक्रम की किस कक्षा में प्रवेश लेना चाहते हैं यह प्रवेश के समय अवश्य निर्धारित कर लें।

योग्यताः ज्योतिष रत्न, वास्तु रत्न, अंक ज्योतिषाचार्य एवं सामुद्रिक रत्न के लिए किसी पूर्व ज्योतिष की योग्यता की आवश्यकता नहीं है एवं कोई भी व्यक्ति जिसने 10+2 किया हो इसमें प्रवेश ले सकता है।           फॉर्म डाऊनलोड करें

     प्रवेश निम्न क्रमानुसार दिया जायेगा-ज्योतिष रत्न, ज्योतिष भूषण, ज्योतिष प्रभाकर, ज्योतिष शास्त्राचार्य।
     वास्तु रत्न के बाद वास्तु शास्त्राचार्य में प्रवेश होगा।
     इसी प्रकार सामुद्रिक रत्न के बाद सामुद्रिक शास्त्राचार्य में प्रवेश होगा।      ऋषि पाठ्यक्रम में मूल ग्रन्थों का अध्ययन एवं विशेष व्यक्तियों या भवनों का उदाहरण लेकर विश्लेषण करना सिखाया जाता है। साथ ही मूल पाठ्यक्रम का पुनरावलोकन कराया जाता है। कार्यरत ज्योतिषी, वास्तु या हस्तरेखा शास्त्री, इस विद्या को सुदृढ़ करना चाहते हैं वे ज्योतिष ऋषि, वास्तु ऋषि या सामुद्रिक ऋषि के पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। इसके लिए शास्त्राचार्य या समकक्ष योग्यता या तीन वर्ष का ज्योतिष अनुभव अनिवार्य है।
     ज्योतिष में शोध एवं अनुसंधान हेतु ज्योतिष महर्षि में प्रवेश लिया जा सकता है। इसके लिए ज्योतिष ऋषि या ज्योतिष में पांच वर्ष का अनुभव आवश्यक है।
     वास्तु में शोध के लिए वास्तु महर्षि में प्रवेश दिया जायेगा। इसके लिए वास्तु ऋषि या वास्तु में दो वर्ष का अनुभव आवश्यक है।
     सामुद्रिक शास्त्र में शोध के लिए सामुद्रिक महर्षि में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए सामुद्रिक ऋषि या दो वर्ष आ अनुभव आवश्यक है।
प्रवेश शुल्कः संघ के अंतर्गत पढ़ाये जाने वाले विभिन्न पाठयक्रमों का शुल्क (रुपयों में) भारत के सभी चैप्टर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को छोड़कर निम्न प्रकार होगा।
रुपये यू.एस.डालर
ज्योतिष रत्न Rs. 15,000 US$ 200
ज्योतिष भूषण Rs. 15,000 US$ 200
ज्योतिष प्रभाकर Rs. 15,000 US$ 200
ज्योतिष शास्त्राचार्य Rs. 20,000 US$ 270
ज्योतिष ऋषि Rs. 15,000 US$ 200
ज्योतिष महर्षि Rs. 21,000 US$ 300
पाठ्यक्रम कालः प्रत्येक पाठ्यक्रम 3 माह में पूर्ण होता है, कुछ कक्षाएं विशेष अतिथि एवं खुले वार्तालाप आदि के लिए ली जाती हैं। पाठ्यक्रमानुसार कक्षाओं की अवधि घटाई या बढ़ाई जा सकती है।
Pooja/Tantra           पूजा / तंत्र

    आपकी वर्तमान एंव भविष्य की परेशानियों एंव कष्टों को दूर करने हेतु मंत्र तंत्र, अनुष्ठान एंव यज्ञ का प्रावधान है जिससे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एंव शिक्षा आदि परेशानियों को दूर किया जा सकता है।

विवाह तंत्र घट विवाह अनुष्ठान अनुकूल रत्न
 
Our Products           हमारे उत्पाद

    सिद्ध यंत्र, सिद्ध लाकेट, सिद्ध रुद्राक्ष एंव सिद्ध मालायें धारण करने एंव मंत्रों के जाप से पति-पत्नि बशीकरण, मुकदद्मा जीतने, शिक्षा एंव नौकरी की रूकावटों, शारीरिक, मानसिक परेशानी दूर की जा सकती है।

सिद्ध पूजा यंत्र सिद्ध-रुद्राक्ष मालायें सिद्ध लाकेट
Education              शिक्षा

    हम अपनी ज्योतिष, तंत्र शिक्षा प्रसार समिति द्वारा ज्योतिषशास्त्र, वास्तुशास्त्र एवं अंकविज्ञान आदि की शिक्षा प्रदान करते है। यह संस्था अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ, नई दिल्ली से सम्बद्ध (affilated) है।

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Publications           प्रकाशन

    आपको ज्योतिष एंव वास्तु का ज्ञान प्रदान करके जीवन की उन्नति हेतु हम द्वि-मासिक "भविष्य निर्णय" पत्रिका, भविष्य दर्शन पंचांग कालदर्शक (कलेण्डर) एवं लघु पाकेट पंचांग का प्रकाशन करते हैं।

पत्रिका कलेण्डर पंचांग लेख

 
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