Bhavishy Darshan
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Tantrik Pendant/ तांत्रिक लाकेट

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जोड़ों के दर्द के लिए मुद्रा
(वायु मुद्रा / Vaayu Mudra)
      वायु मुद्रा तर्जनी को मोडकर अंगूठे की गद्दी पर लगाएं और अंगूठे से तर्जनी को दबाकर रखें। अन्य तीनों अंगुलियों को स्वतंत्र छोड़ दे।
      वायु मुद्रा जोडों का दर्द, मांसपेशियोंका दर्द, किसी रोग अंग का सुन्न हो जाना जोड़ों में सूजन यहां तक कि कंपनयाबाय को काम करने में मदद पंहुचाती है।
      भारतीय चिकित्सा विज्ञान के अनुसार वायु तत्व में 51 प्रकार की खराबियां हो सकती है।
      योग तत्व मुद्रा विज्ञान के अनुसार वायु तत्व महत्वपूर्ण और गूढ़ तत्व है। इसे केवल महसूस किया जा सकता है। इसे देख नहीं सकते। इस तत्व की भूमिका अपने आप में रहस्यमय है। आयुर्वेद के अनुसार यह त्रिदोष का एक प्राकार है। आयुर्वेद की पारिभाषिक शब्दाबली में यह एक पंचभूत है। वायु रोग विभिन्न प्रकार के होते है। इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां इस प्रकार है। ज्यादातर दर्द वायु के उपद्रव से ही होते है। गठियां, लकवा पेट दर्द, हद्रय रोग का बहुत बड़ा कारण गैस और वायु है।
शरीर में वायु अधिक चिन्ता करने से डरने से अधिकांश रूप से गुस्से में रहने से और कब्ज रहने से होती है। गलत और असमय खाने पीने से भी वायु रोग बढते हैं। किसी की बुराई करने से लम्बे समय के बाद गठिया रोग जरूर हो जाता है। सारे शरीर के जोड पकड़ जाते है।
      प्राण मुद्रा
अनामिका के ऊपरी हिस्से और कनिष्ठिका के ऊपरी हिस्से को अंगूठे के ऊपरी हिस्से से मिलाए। शेष दोनों अंगुलियों को मुक्त छोड़ दे। इस तरह प्राण मुद्रा बनती है। प्राण मुद्रा शरीर की जीवनी शक्ति को बढ़ाती है। और पूरे शरीर को सामान्य बनाए रखती है।
Pooja/Tantra           पूजा / तंत्र

    आपकी वर्तमान एंव भविष्य की परेशानियों एंव कष्टों को दूर करने हेतु मंत्र तंत्र, अनुष्ठान एंव यज्ञ का प्रावधान है जिससे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एंव शिक्षा आदि परेशानियों को दूर किया जा सकता है।

विवाह तंत्र घट विवाह अनुष्ठान अनुकूल रत्न
 
Our Products           हमारे उत्पाद

    सिद्ध यंत्र, सिद्ध लाकेट, सिद्ध रुद्राक्ष एंव सिद्ध मालायें धारण करने एंव मंत्रों के जाप से पति-पत्नि बशीकरण, मुकदद्मा जीतने, शिक्षा एंव नौकरी की रूकावटों, शारीरिक, मानसिक परेशानी दूर की जा सकती है।

सिद्ध पूजा यंत्र सिद्ध-रुद्राक्ष मालायें सिद्ध लाकेट
Education              शिक्षा

    हम अपनी ज्योतिष, तंत्र शिक्षा प्रसार समिति द्वारा ज्योतिषशास्त्र, वास्तुशास्त्र एवं अंकविज्ञान आदि की शिक्षा प्रदान करते है। यह संस्था अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ, नई दिल्ली से सम्बद्ध (affilated) है।

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    आपको ज्योतिष एंव वास्तु का ज्ञान प्रदान करके जीवन की उन्नति हेतु हम द्वि-मासिक "भविष्य निर्णय" पत्रिका, भविष्य दर्शन पंचांग कालदर्शक (कलेण्डर) एवं लघु पाकेट पंचांग का प्रकाशन करते हैं।

पत्रिका कलेण्डर पंचांग लेख

 
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