Bhavishy Darshan
अध्ययन कक्ष
पढ़ाई कहाँ और कैसे करें-
  1. अध्ययन कक्ष पूर्व, उत्तर या ईशान दिशा में हो, ये दिशाएँ तेज और ज्ञान की दिशाएँ हैं।
  2. बच्चों का पढ़ाई करते समय उनका मुँह पूर्व या ईशान दिशा में हो। इस तरह बैठने से उनके अध्ययन में उत्साह बढ़ेगा, उनकी स्मरण शक्ति बढ़ेगी और यह अनुभव होगा कि उन्हें पढ़ाई में अच्छे अंक मिले हैं।
  3. यदि नेऋत्य में पश्चिम की ओर अध्ययन कक्ष हो तो भी बच्चों को पूर्व या ईशान की ओर मुख करके बैठाना चाहिए।
  4. स्मरण बढ़ाने के लिए कमरे के ईशान कोण पर पौधे लगाएं।
  5. अध्ययन कक्ष में किसी प्रकार का स्टोरेज न करें ध्यान बँटता है।
  6. अध्ययन कक्ष में दपर्ण न लगाएँ।
  7. टी वी वीडियो गेम न रखें। ऐसी कोई चीज न रखें जो पढ़ने से ध्यान को हटाए।
  8. खेल का सामान, गुड्डे-गुड़िया न रखें।
  9. पढ़ने वाले टेबल के ऊपर ईशान कोण में चार्ज किया हुआ पिरामिड रखें आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होते हैं।
  10. आग्नेय एवं वायव्य दिशा के कमरे में पढ़ाई न करें। मन हमेशा भटकता रहेगा।
  11. दीवारों पर सफेद आसमानी, बादामी अथवा हल्का हरा रंग करवाना चाहिए।
  12. अध्ययन कक्ष में पुस्तकों की अलमारी वायव्य या नेऋत्य दिशा में न रखें, उत्तम जगह पूर्व एवं उत्तर ही है।
  13. ईशान कोण में एक्येरियम रखें उसमें आठ लाल और एक काली मछली रखें जिससे ज्ञान में वृद्धि होगी, धन की भी वृद्धि होगी।
  14. अध्ययन कक्ष के पूर्व या उत्तर दीवार पर झरने सागर, सरस्वती या स्वामी विवेकानन्द का चित्रा लगाएँ, ज्ञान में वृद्धि होगी।