गोमेद राहु का रत्न है।
गोमेद-श्वेत आभामय गोमेद ब्राह्मण वर्ण का होता है। अरुण आभामय वर्ण का हेाता है। पीत आभायुक्त वैश्य वर्ण का और कृष्ण आभामय शूद्र वर्ण का होता है। सुन्दर आभामय गोमेद धारण करने से प्रबल शत्रु भी सामने आने में संकोघ करता हे। यह सुख-सम्पत्ति, धन-धान्य और वैभव प्रदान करता है। स्वास्थ्य ठीक रहता है और भूत-प्रेत का भय नहीं रहता। शिकार के समय वह रक्षा कवच का काम करता है। ऐसा भी विश्वास है कि युद्ध मैदान में किसी जख्म से रक्त बहता हो और मुख में गोमेद रख लिया जाये तो तो रक्त बहना बन्द हो जाता है। | ||||
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