Favourable Gems/राशि रत्न Tantrik Pendant/ तांत्रिक लाकेट Baby Names/बच्चों के नाम |
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पूरे शरीर में चमक लाता है और उनमें अद्भुत शक्ति प्रदान करती है
(वरूण मुद्रा / Varun Mudra)
कनिष्ठा और अंगूठे के अग्रभाग को स्पर्श कराएं। अन्य तीनों अंगुलियों को मुक्त छोड़ दे। इस प्रकार वरूण मुद्रा बनती है। वरूण मुद्रा का नियमित अभ्यास शरीर की संुदरता बढ़ाता है और त्वचा को सूखापन कम करता है। इसके साथ ही पूरे शरीर में चमक लाता है। इस मुद्रा का आंतरिक सूक्ष्म प्रभाव साधक में प्रेम, आनंद सहित सभी अच्छे गुणों से सराबोर कर देता है। इस मुद्रा की सबसेे बड़ी विशेषता यह है कि यह पूरे शरीर को आंतरिक बाहा रूप से स्वस्थ और संपूर्ण रखने में मदद करती है। यह मुद्रा शरीर के सूक्ष्म अंगो से उल्लेखनीय परिवर्तन करना शुरू कर देती है। इससे शरीर का अंातरिक विकास होने लगता है। लम्बे समय तक इस मुद्रा के अभ्यास से आंतरिक जागृति होती है। जिसके परिणामस्वरूप स्फूर्ति, पौरूष, संजीवता अंग अंग में परिलक्षित होने लगती है। यह बीमार लोगों के लिए कवच का काम करने लगती है। और उनमें अद्भुत शक्ति प्रदान करती है। ध्यान और योग साधना करने वालों के लिए यह मुद्रा सबसे अच्छे दोस्त के समान है। स्वस्थ लोगों केा यह उपचार आनंद प्रदान करती है। सौन्दर्य को स्थिर रखने के लिए सभी स्त्री पुरूषों को इसके लिए साधना भी करनी होगी। ज्यों ज्यों आपके विचारों में स्थिरता, शान्ति, एकाग्रता आयेगी त्यों-त्यों आपके सम्पूर्ण प्रकार के सौन्दर्य आदि गुणों का विकास संभव होगा। क्रोध, चिन्ता और भय, सौन्दर्य और शान्ति के सबसे बड़े शत्रु है। सम्पूर्ण सौन्दर्य और शान्ति साधकों को इन दुर्गुणों शत्रुओं से पूरी तरह से खबरदार और सावधान एंव सतर्क रहना चाहिए। इन मास्तिष्क के किसी कोने में भी सौन्दर्य और शान्ति के परम शत्रु इन समस्त क्रोध , भय, ईष्र्या, द्वेष, लोभ, मोह, अभिमान, देह-चिन्ता आदि समस्त अन्तर में छिपे हुए इन समस्त शुत्रओं केा देह चिन्ता आदि समस्त अन्तर में छिपें हुए इन समस्त शत्रुओं को समूल नाश कर देना चाहिए औश्र इन दुष्प्रवृतियों का नाश संयम, योग, साधना, ज्ञान और भक्ति एंव योगभ्यास के द्वारा संभव हो सकेगा। ध्यान साधना एंव योग साधना के विभिन्न तरीको से सौन्दर्य का विकास अधिक हो सकता है। अब तक ऐसा प्रत्यक्ष रूप से देखा गया। भारतीय मनीषियों ने समस्त प्रकार के सौन्दर्य विकास के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम योगासन सम्पूर्ण मुखमण्डल की समस्त मांसपेशियों को संचालन करने वाली विभिन्न प्रकार की विधियों युक्तियों एंव विभिन्न प्रकार के प्राणायमों का सृजन किया और इन सम्पूर्ण योगिक एंव प्राकृतिक क्रियाओं व्यायामो का सौन्दर्य विकास में बहुत बड़ा योगदान प्रत्यक्ष रूप से देखा गया। |
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