गृह शांति के लिए दान-पुण्य की वस्तुएं एवं मंत्र (Daan items & Mantra for Grah Shanti)
हमारे मन में सदैव यह धारणा रहती है कि दान करने से हमेशा लाभ होता है, परन्तु हमारी यह धारणा गलत है l दान सदैव लाभकारी नहीं होता है, हानि भी पंहुचा सकता है l जो ग्रह जन्मपत्रिका में शुभ होते हैं उनका कभी दान नहीं करना चाहिए l ग्रहों के मंत्र का जाप करना सदैव मानसिक शांति एवं लाभ देता है, जन्मपत्रिका में ग्रह चाहे शुभ हो या अशुभ l आप किसी अच्छे ज्योतिषी से परामर्श करके ही दान करें अन्यथा हानि उठानी पड़ेगी l
ग्रह |
रत्न |
वर्ण |
धातु |
अन्न |
वस्तु |
वस्तु |
वस्त्र, पुष्प |
सूर्य |
माणिक |
सुवर्ण |
ताम्र |
गेंहूँ |
गुड़ |
घी |
रक्तवस्त्र , रक्तपुष्प , केसर |
चन्द्र |
मोती |
सुवर्ण |
रजत |
चावल |
मिसरी |
दही |
श्वेतवस्त्र ,श्वेतपुष्प , शंख |
भौम |
मूंगा |
सुवर्ण |
ताम्र |
मसूर |
गुड़ |
घी |
रक्तवस्त्र, रक्तकनेर, केसर |
बुध |
पन्ना |
सुवर्ण |
कांसी |
मूंग |
खांड |
घी |
हरावस्त्र, सर्वपुष्प, हाथीदांत |
गुरु |
पुखराज |
सुवर्ण |
सोना |
चने की दाल |
खांड |
घी |
पीतवस्त्र , पीतपुष्प , हल्दी |
शुक्र |
हीरा |
सुवर्ण |
रजत |
चावल |
मिसरी |
दूध |
श्वेतवस्त्र, श्वेतपुष्प, सुगन्ध |
शनि |
नीलम |
सुवर्ण |
लोहा |
उड़द |
कुलथी |
सरसों तेल |
कृष्णवस्त्र, कृप्णपुष्प, कस्तूरी |
राहु |
गोमद |
सुवर्ण |
सीसा |
तिल |
सरसों |
सरसों तेल |
नीलवस्त्र, कृष्णपुष्प, खडग |
केतु |
लहसुनियां |
सुवर्ण |
लोहा |
तिल |
सप्तधान्य |
तेल |
तेल धूम्रवस्त्र , धूम्रपुष्प , नारियल |
ग्रह |
वस्तु |
पशु |
वस्तु |
जप संख्या |
ग्रह मंत्र |
समय |
समिधा |
सूर्य |
मूंगा |
रक्त गौ |
रक्त चन्दन |
7000 |
ओउम् ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः |
सू. उ. |
अर्क |
चन्द्र |
कपूर |
श्वेत बैल |
श्वेत चन्दन |
11000 |
ओउम् श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः |
संध्या |
पलाश |
भौम |
कस्तूरी |
रक्त बैल |
रक्त चन्दन |
11000 |
ओउम् क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः |
घटी 2 |
खदिर |
बुध् |
कपूर |
शस्त्र |
फल |
19000 |
ओउम् ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः |
घटी 5 |
अपा मार्ग
|
गुरु |
पुस्तक |
घोड़ा |
पीतफल |
19000 |
ओउम् ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवेः नमः |
संध्या |
अश्वत्थ |
शुक्र |
दधि |
श्वेत घोड़ा |
श्वेत चन्दन |
20000 |
ओउम् द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः |
सू. उ. |
उदुम्बर |
शनि |
कृष्ण गो |
भैंस |
उपानह |
23000 |
ओउम् प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः |
संध्या |
शमी |
राहु |
कम्बल |
घोड़ा |
शर्प |
18000 |
ओउम् भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहुवे नमः |
रात्री |
दुर्वा |
केतु |
बकरा |
कम्बल |
शस्त्र |
17000 |
ओउम् स्रां स्रीं स्रौं सः केतुवे नमः |
रात्री |
कुशा |
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Pooja/Tantra पूजा / तंत्र
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आपकी वर्तमान एंव भविष्य की परेशानियों एंव कष्टों को दूर करने हेतु मंत्र तंत्र, अनुष्ठान एंव यज्ञ का प्रावधान है जिससे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एंव शिक्षा आदि परेशानियों को दूर किया जा सकता है।
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घट विवाह |
अनुष्ठान |
अनुकूल रत्न |
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सिद्ध-रुद्राक्ष |
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