Favourable Gems/राशि रत्न Tantrik Pendant/ तांत्रिक लाकेट Baby Names/बच्चों के नाम |
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सूर्य की उपासना में जल (अर्ध) क्यों?
स्वस्थ रहने के लिए जितनी शुद्ध हवा आवश्यक है, उतना ही प्रकाश भी आवश्यक है। इसलिए कहा जाता है कि प्रकाश में मानव शरीर के कमजोर अंगो को पुनः सशक्त और सक्रिय बनाने की अदभुत क्षमता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर ही हमारे पूर्वजों ने सूर्य को अर्ध देने का विधान बनाकर इसे धार्मिक रुप दे दिया। गायत्री मंत्र के साथ सूर्य को अर्ध देने के पीछे रहस्य यह है कि मंदेह नामक सुक्ष्म जीवाणुओं का नाश होता है। मंदेह जीवाणु उन्हें कहते हैं, जो अंधकार और प्रकाश के मिलने से स्वयं पैदा हो जाते हैं एवं लोगों को हानि पहुंचाते है। इसलिए संध्या कर्म भी इसी संधिकाल में करने का विधान है। उल्लेखनीय है कि इसमें भगवान् सूर्य प्रसन्न होकर आयु, आरोग्य, धन, धान्य, क्षेत्र, पुत्र, मित्र, तेज, वीर्य, यश, कांति, विद्या, वैभव और सौभाग्य आदि प्रदान करते हैं। और सूर्यलोक की प्राप्ति होती है। |
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