Favourable Gems/राशि रत्न Tantrik Pendant/ तांत्रिक लाकेट Baby Names/बच्चों के नाम |
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Gayatriyantra
गायत्री यंत्र
माँ गायत्री चारों वेदों की प्राण, सार, रहस्य एवं तन (साम) हैं संगीत का यह स्वय आत्मा के उल्लास को उद्वेलित करता है जो इस तेज को अपने में धारण करता है उसकी वंश परम्परा तेजस्वी बनती चली जाती है। उसकी पारिवारिक संतति और अनुयायियों की श्रृंखला में अनेक तेजस्वी प्रतिभाशाली उत्पन्न होते चले जाते हैं। यंत्र का उपयोग- साधना एक ऐसा पुरुषार्थ है जिसमें सामान्य श्रम एवं मनोयोग का नियोजन भी असामान्य विभूतियों एवं शक्तियों को जन्म देता है। साधारण स्थिति में हर वस्तु तुच्छ है। यदि गायत्री यंत्र की उपासना द्वारा उसको पूर्ण बनाया जाये तो वह वस्तु उत्कृष्ट बन जाती है। अनेक मनीषियों ने संसार के कठिन से कठिन कार्य को सदा सहज पूर्ण रुप में कर सकने की सामर्थ गायत्री-साधना से ही जुटाई है। हजारों ऋषि-मुनियों, साधकों, महापुरुषों ने इस साधना को बिना सोचे-समझे, बिना प्रयोग-परीक्षण किये नहीं अपनाया है। मंत्रः ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियों यो नः प्रचोदयात्। |
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