Favourable Gems/राशि रत्न Tantrik Pendant/ तांत्रिक लाकेट Baby Names/बच्चों के नाम |
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Sunyantra
सूर्य यंत्र
इसके अशुभ होने पर नेत्र रोग, अस्थि रोग, हृदय रोग, पित्त रोग, ज्वर, मूच्र्छा, चर्म रोग, रक्त स्राव आदि हो सकते हैं। ‘सूर्य आत्मा जग तस्तस्थ वेदों के अनुसार सूर्य संपूर्ण जगत की आत्मा है। सूर्य का हमारे आध्यात्मिक जीवन तथा भौतिक जीवन से घनिष्ट संबंध है। जीवन में अच्छी आयु-आरोग्यता इसी ग्रह की कृपा से प्राप्त होती है। इस यंत्र को सूर्य ग्रह की शुभता के लिए विशेष रुप से घर में स्थापित करके साधना की जाती है। सामान्यतः इस यंत्र के नित्य दर्शन मात्र से ही लाभ हो जाता है। सूर्य की कृपा से साधक व्यक्ति में आत्म-विशवास की वृद्धि होकर सर्वत्र यश, सुख, धन की प्राप्ति होती है। सूर्य ग्रह अगर कुंडली में अशुभ या कमजोर स्थिति में हो अथवा सूर्य ग्रह की महादशा/अंतरदशा चल रही हो तो आंख में किसी न किसी प्रकार की पीड़ा या हड्डी संबंधी रोग होने की संभावना रहती है। ऐसे में इस यंत्र के पूजन से विशेष शांति प्राप्त होती है। आत्म विशवास में कमी हों, मन बार-बार कुंठित रहता हो, अधिक परिश्रम करने पर भी उत्तम फल न मिलता हो ऐसी स्थिति में इस यंत्र के नत्य दर्शन पूजन से लाभ मिलता है। मंत्रःॐ ह्रां ह्रीं हौं सः सूर्याय नमः। |
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