Favourable Gems/राशि रत्न Tantrik Pendant/ तांत्रिक लाकेट Baby Names/बच्चों के नाम |
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Tripurbhairavi
त्रिपुर भैरवी यंत्र
यह छठी महाविद्या हैं। इनकी उपासना से पद प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। यह भगवती आद्याकाली का ही रुप है। शट्कर्मो में इनकी उपासना की जाती है। यह कालरात्रि सिद्ध विद्या है। इनके शिव कालभैरव हैं। भगवती त्रिपुरभैरवी का संबंध नित्य प्रलय से हैं। ये निरंतर गतिशील और क्षय होते हुए पदार्थ को गति देती है। यह विनाश करने वाले रुद्र की शक्ति है। इनके तीन रुप हैं- बाला, भैरवी और सुंदरी। प्रपंचसार नामक ग्रंथ में कहा गया है कि त्रिमुर्ति धारण करने, श्रष्टी की स्थिति, पालन तथा लय करने, वेदत्रयी स्वरुपा होने और प्रलयकाल में त्रिलाक को लय करने की क्षमता से युक्त होने के कारण इनका नाम त्रिपुरा पड़ा। वाराही तंत्र में लिखा है कि ब्रह्मा, विश्णु और महेष्वर ने इनकी पूजा साधना की थी इसलिए इनका नाम त्रिपुरा रखा गया है। त्रिपुरा सुन्दरी के अनेक रुप हैं। मसलन, सिद्धि भैरवी, रुद्र भैरवी, कामेश्वरी आदि। जीवन में काम, सौभाग्य और शारीरिक सुख के साथ वशीकरण आरोग्य सिद्धि के लिए इस देवी की आराधना की जाती है। कमल पुष्पों से होम करने से धन सम्पदा की प्राप्ति होती है। मनोवांछित वर या कन्या से विवाह होता है। वांछित सिद्धि और मनोअभिलाशापूर्ति सहित व्यक्ति दुख से रहित और सर्वत्र पूज्य होता है। मंत्रः हसै हसकरी हसै। |
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