आजकल पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ छोटे घरों में मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ चार दोष अवशà¥à¤¯ पाये जाते हैं। जैसे- बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² में दीवार, सीà¥à¥€, शौचालय या खंà¤à¤¾à¥¤ इन सà¤à¥€ दोषों के लिठपिरामिड यंतà¥à¤° के तरीकों से वासà¥à¤¤à¥ निवारण करें।
बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² में दीवार
à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ होता है कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² की कमरे की दीवार या कोई à¤à¤¾à¤°à¥€ वसà¥à¤¤à¥ हो। वसà¥à¤¤à¥ को तो हटाया जा सकता है परंतॠà¤à¤• दीवार को गà¥à¤£à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से हटाना होगा। दीवार पर 3 मलà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤° पिरामिड यंतà¥à¤° (चितà¥à¤°-1st) के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° लगाà¤à¤‚ या फिर मधà¥à¤¯ में à¤à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€ पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ तथा कोनों पर चार पायरा कोन (चितà¥à¤°-2nd) में दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¥‡ अनà¥à¤¸à¤¾à¤° लगाकर इस दोष का निवारण कर सकते हैं।
बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² पर à¤à¤¾à¤°à¥€ खंà¤à¤¾
वासà¥à¤¤à¥ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² पर किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ नहीं होना चाहिà¤à¥¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² को हृदय कहा जाता है। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हृदय पर किसी à¤à¥€ तरह का à¤à¤¾à¤° सहना मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² होता है, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤µà¤¨ के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² पर à¤à¥€ किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का वजन रखना अचà¥à¤›à¤¾ नहीं होता। à¤à¤¸à¤¾ करने से पूरे घर का विकास बाधित होता है। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के दोष के निवारण के लिठखंà¤à¥‡ के चारों ओर आठपिरामिड लगाà¤à¤‚।
इसके अतिरिकà¥à¤¤ दूसरी तरह से à¤à¥€ दोष निवारण किया जा सकता है। खंà¤à¥‡ को पिरामिड से दो बराबर à¤à¤¾à¤—ों में बांटकर बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² के दोष को दूर किया जा सकता है। ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤à¥ दोनों के मधà¥à¤¯ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² निकालकर उसे अलग-अलग पिरामिड दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ऊरà¥à¤œà¤¿à¤¤ करके संपूरà¥à¤£ दोष का निवारण संà¤à¤µ है।बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² में सीà¥à¥€ :- बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² में सीà¥à¥€ होना बहà¥à¤¤ बड़ा वासà¥à¤¤à¥ दोष है। यदि सीà¥à¥€ गोल हैं, तो उसके चारों और आठपिरामिड (चितà¥à¤°) के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° लगाà¤à¤‚। ये या तो फरà¥à¤¶ के नीचे लगाये जा सकते हैं या फिर ऊपर सीलिंग पर लगाये जा सकते हैं। यदि फरà¥à¤¶ के नीचे पिरामिड लगाना असंà¤à¤µ हो, तो सीलिंग में पायरा सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤ª लगाकर उसे अलग कर सकते हैं। जैसा कि (चितà¥à¤°) में दरà¥à¤¶à¤¾à¤¯à¤¾ गया है।
बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² में शौचालय :- यह अतà¥à¤¯à¤‚त ही गंà¤à¥€à¤° वासà¥à¤¤à¥ दोष है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² संपूरà¥à¤£ वासà¥à¤¤à¥ में मà¥à¤–à¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखता है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² से ही संपूरà¥à¤£ à¤à¤µà¤¨ या à¤à¥‚खंड को ऊरà¥à¤œà¤¾ मिलती है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² को साफ-सà¥à¤¥à¤°à¤¾ व à¤à¤¾à¤° रहित रखने को कहा जाता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² से ही आकाश ततà¥à¤µ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है। शौचालय होने से बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ में नकारतà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ का पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ होने से, घर में रहने वालों के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पर असर पड़ता है और बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² के à¤à¤¾à¤°à¥€ व गडà¥à¤¢à¤¾ होने के कारण गृहसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ को अनेकों कषà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ का सामना करना पड़ेगा।
अतः यदि संà¤à¤µ हो तो बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² से शौचालय को हटा ही देना चाहिà¤à¥¤ यदि शौचालय को हटा पाना असंà¤à¤µ है, तो शौचालय की बाहरी दीवार पर 3 पिरामिड यंतà¥à¤° इस तरह से लगाने हैं, जिस ओर शौचालय को गà¥à¤£à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• रूप से हटाना है- उसके दूसरी ओर शीरà¥à¤· बिंदॠरहे। (चितà¥à¤°)
सà¤à¥€ पिरामिड यंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ उतà¥à¤¤à¤° की ओर शीरà¥à¤· बिंदॠरखते हà¥à¤ लगाà¤à¤‚ ताकि वह दकà¥à¤·à¤¿à¤£ की ओर हट सकें। दूसरी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से पायरा सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¿à¤ª से विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ करना à¤à¥€ इसका अनà¥à¤¯ उपचार है। (चितà¥à¤°)