टी मारà¥à¤— या वाई मारà¥à¤— संधि पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¥‚खंड :- इन à¤à¥‚खंडों में अशà¥à¤ ऊरà¥à¤œà¤¾ (छमहंजपअपजल) का संचार होता रहता है। सड़क पर आने जाने वाले वाहनों के कारण, सामने से तीर की तरह अशà¥à¤ ऊरà¥à¤œà¤¾ के विषैले बाण घर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करते रहते हैं। इसी कारण घर में रहने वालों को अपेकों संकटों का सामना करना पड़ता है। à¤à¤¸à¥‡ à¤à¥‚खंडों में अशà¥à¤ ऊरà¥à¤œà¤¾ के संवहन को रोकने के लिठनिमà¥à¤¨ तरीके से पिरामिड यंतà¥à¤° की दीवार à¤à¥‚खंड के à¤à¥€à¤¤à¤°à¥€ व बाहरी हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में लगाà¤à¤‚ इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से पिरामिड के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— नकारतà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ कर पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹ बंद हो जायेगा और à¤à¤µà¤¨ में सकारातà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ का संचार होगा।
वीथीशूल होने पर :- à¤à¥à¤–ंड के समीप से निकलने वाले मारà¥à¤— यदि à¤à¥‚खंड पर तीर की तरह चà¥à¤à¤¤à¥‡ हैं तो वीथीशूल कहलाता है। इस दोष को समापà¥à¤¤ करने के लिठà¤à¥‚खंड की दिशा में जहां वीथीशूल हो रहा हो, 9 पिरामिड बराबर-बराबर कर दूरी हैं।
आकृति संबंधी दोष :- à¤à¤µà¤¨ के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठआयताकार पà¥à¤²à¤¾à¥…ट को अति शà¥à¤ माना गया है। à¤à¥‚खंड में चारों कोने 90 डिगà¥à¤°à¥€ के कोण के होने चाहिà¤à¥¤ à¤à¥‚खंड में आकार संबंधी कोई à¤à¥€ दोष होने पर à¤à¥‚खंड के मधà¥à¤¯ में 9, 81 या 729 पिरामिड à¤à¥‚खंड के आकार के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° दबाये जाते हैं।
1. इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की आकृति से संबंधित दोष को तीन पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¾ जा सकता है। पà¥à¤°à¤¥à¤® बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤² को पिरामिड यंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ की 9, 81 की संखà¥à¤¯à¤¾ में लगाकर। यह संखà¥à¤¯à¤¾ à¤à¥‚खंड के बड़े या छोटे होने पर निरà¥à¤à¤° करती है।
2. दूसरा कटे हà¥à¤ à¤à¤¾à¤— को ऊरà¥à¤œà¤¿à¤¤ करके।
3. तीसरा à¤à¥‚खंड के दकà¥à¤·à¤¿à¤£ के à¤à¤¾à¤— को बà¥à¤¾ हà¥à¤† मानकर उसे पिरामिड यंतà¥à¤° लगाकर अलग करना ताकि à¤à¥‚खंड का आकार वरà¥à¤—ाकार हो जाये।