à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वासà¥à¤¤à¥ के अनेक महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त पिरामिड से मेल खाते हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वासà¥à¤¤à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ को खà¥à¤²à¤¾ छोड़ने अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ दबाव रहित रखने का सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त पिरामिडों में à¤à¥€ लागू होता है। पिरामिड वासà¥à¤¤à¥ में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ के ठीक ऊपर तà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‹à¤£à¥€à¤¯ छत होती जो अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• ऊंची होने के कारण बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ के ऊपर आकाश ततà¥à¤µ को पà¥à¤°à¤šà¥à¤°à¤¤à¤¾ से उपलबà¥à¤§ कराती है। साथ ही अपने विशेष आकार के कारण पिरामिड के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ को दबाव रहित रखती है।
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वासà¥à¤¤à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° में पंचततà¥à¤µà¥‹à¤‚ के संतà¥à¤²à¤¨ पर विशेष धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखा जाता है, जो कि पिरामिड वासà¥à¤¤à¥ में à¤à¥€ मिलता है। यह बात अलग है, कि मिसà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने जिस उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ से पिरामिडों का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया था, उसमें उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जलततà¥à¤µ तथा वायà¥à¤¤à¤¤à¥à¤µ की अधिकता की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं थी, अतः उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पिरामिड में उनका पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ नà¥à¤¯à¥‚न ही रखा था, किंतॠअनà¥à¤¯ उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ से बनाये जाने वाले पिरामिडों में इनका उचित पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ रखा जाना चाहिà¤à¥¤
पिरामिड और वासà¥à¤¤à¥ में घनिषà¥à¤Ÿ संबंध है। इसकी विशिषà¥à¤Ÿ आकृति हमारे जीवन पर गहरा पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ डालती है। जब à¤à¤µà¤¨ वासà¥à¤¤à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° बनता है तो उसमें उचित सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पिरामिड रखने से à¤à¤µà¤¨ की à¤à¥€à¤¤à¤°à¥€ ऊरà¥à¤œà¤¾ सकारतà¥à¤®à¤• रूप से कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¶à¥€à¤² रहती है। इस कारण विपरीरà¥à¤¤ ऊरà¥à¤œà¤¾à¤“ं में संतà¥à¤²à¤¨ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ होता है, जिससे उस à¤à¤µà¤¨ में रहने वाले लोग पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ होते हैं।
वासà¥à¤¤à¥ विदà¥à¤¯à¤¾, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤µà¤¨ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की कलाओं में से à¤à¤• है। उसकी अà¤à¤¿à¤•à¤²à¥à¤ªà¤¨à¤¾ मूल रूप से à¤à¤µà¤¨ निरà¥à¤®à¤¾à¤£, कारà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤², मंदिर और अनà¥à¤¯ à¤à¤µà¤¨à¥‹à¤‚ के लिठमारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¿à¤•à¤¾ है। वासà¥à¤¤à¥ में निरà¥à¤®à¤¾à¤£ से जà¥à¥œà¥‡ सà¤à¥€ पहलà¥à¤“ं जैसे- à¤à¥‚मि चयन, à¤à¤µà¤¨, निरà¥à¤®à¤¾à¤£ सामà¥à¤°à¤—ी, ककà¥à¤·, दà¥à¤µà¤¾à¤°, खिड़की आदि की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ सहित अनेक बातों की विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ जानकारी होती है।
मतà¥à¤¸à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वासà¥à¤¤à¥ पà¥à¤°à¥‚ष की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤—वान शिव के शà¥à¤µà¥‡à¤¦ कण से हà¥à¤ˆ है। वासà¥à¤¤à¥ पà¥à¤°à¥‚ष सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤¤à¤ƒ कà¥à¤°à¥‚र, à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• व अपने मारà¥à¤— में आने वालों को नषà¥à¤Ÿ करने वाला था। à¤à¤—वान शिव के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उसे वरदान पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤† कि वह आकाश पाताल व पृथà¥à¤µà¥€ पर सà¤à¥€ चीजों का à¤à¤•à¥à¤·à¤£ कर सकता है। इस पर सà¤à¥€ देवता डर के मारे उस पर पैर रखकर खड़े हो गये। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤¯à¤¾à¤œà¥€ ने इस असà¥à¤° का नाम ‘वासà¥à¤¤à¥à¤ªà¥à¤°à¥‚ष’ रखा, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने घोषणा की कि पृथà¥à¤µà¥€ वासियों के लिठयह पूजनीय होगा। à¤à¤µà¤¨ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के समय वासà¥à¤¤à¥ पà¥à¤°à¥‚ष का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करना अनिवारà¥à¤¯ होगा। अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ वह वहां रहने वालों के लिठसमसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करेगा। वहां निवास करने वाले शांति पूरà¥à¤µà¤• नहीं रह पायेंगे और न ही उनके सà¤à¥€ कारà¥à¤¯ रà¥à¤¨à¤¿à¤µà¤¿à¤˜à¥à¤¨ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो पायेंगे। à¤à¥‚खंड में वासà¥à¤¤à¥à¤ªà¥à¤°à¥‚ष की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की गई है- उसका सिर ईशान कोण में, दोनों कंधे कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ उतà¥à¤¤à¤°-पूरà¥à¤µ दिशा में, कोहनियां à¤à¤µà¤‚ आगà¥à¤¨à¥‡à¤¯ कोण में और जà¥à¥œà¥‡ हà¥à¤ तलà¥à¤ नैऋतà¥à¤¯ कोण में हैं। वासà¥à¤¤à¥ पà¥à¤°à¥‚ष का पेट à¤à¥‚खंड के मधà¥à¤¯ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ माना गया है, जिसे बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ कहते है।
बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ किसी à¤à¥€ à¤à¥‚खंड या à¤à¤µà¤¨ का केंदà¥à¤° होता है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ 81 खंड़ों में विà¤à¤•à¥à¤¤ वासà¥à¤¤à¥ मंडल के बीच के नौ वरà¥à¤—ां में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है तथा वासà¥à¤¤à¥ पà¥à¤°à¥‚ष की नाà¤à¥€ सà¥à¤¥à¤² पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ को खà¥à¤²à¤¾, साफ-सà¥à¤¥à¤°à¤¾ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤šà¥à¤› रखना आवशà¥à¤¯à¤• है। वासà¥à¤¤à¥ में मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि खमà¥à¤à¤¾ गाड़कर, कील ठोंककर, à¤à¤¾à¤°à¥€ चीजें रखकर बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर यदि चोट पहà¥à¤‚चाई जाये तो गृहसà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ को कषà¥à¤Ÿ होता है। अतः इस à¤à¤¾à¤— को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ रखा जाना आवशà¥à¤¯à¤• है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ से à¤à¤µà¤¨ को आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ व आकाश ततà¥à¤µ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होती है। यदि बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ को किसी कारणवश खà¥à¤²à¤¾ नहीं रख सकते हैं तो हमें पिरामिड दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उसका उपाय अवशà¥à¤¯ करना चाहिà¤à¥¤
जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤µà¤¨ में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ होता है, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पिरामिड में à¤à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤¨ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ होता है। इसे विदेशों में पावर पà¥à¤µà¤¾à¤‡à¤‚ट कहते हैं । यह à¤à¤¾à¤— पिरामिड की à¤à¤• तिहाई ऊंचाई पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होता है। यहीं से पिरामिड सारी ऊरà¥à¤œà¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ करके अनà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤—ों में विपरित करता है। पिरामिडों के पीछे महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ रहसà¥à¤¯ छिपा है। इसमें विशà¥à¤µ के शाशà¥à¤µà¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की जीवंत संयोजन है। पिरामिड का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• कोना बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, शांति, सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ तथा गहनता का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। मिसà¥à¤° के पिरामिडों में वासà¥à¤¤à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के नियमों का पालन पà¥à¤°à¤šà¥à¤°à¤¤à¤¾ से किया गया है।
वासà¥à¤¤à¥ à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ है जो पंचततà¥à¤µà¥‹à¤‚ के अनà¥à¤ªà¤¾à¤¤à¥‹à¤‚ में संतà¥à¤²à¤¨ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करता है। ताकि उस संतà¥à¤²à¤¨à¤•à¤¾à¤°à¥€ घर की निवासी शांति, पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ व सही निरà¥à¤£à¤¯ के लिठसरलता पूरà¥à¤µà¤• वातावरण पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकें।
पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• à¤à¥‚खंड को 9x9 के 81 à¤à¤¾à¤—ों में विà¤à¤•à¥à¤¤ किया जाता है। à¤à¥‚खंड के मà¥à¤–à¥à¤¯ नौ à¤à¤¾à¤— (बराबर-बराबर) कà¥à¤°à¤®à¤¶à¤ƒ नवगà¥à¤°à¤¹ ऊरà¥à¤¤à¤¾ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‚प हैं। वासà¥à¤¤à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° में चार दिशाओं के अतिरिकà¥à¤¤ चार उपदिशाà¤à¤‚ à¤à¥€ अतà¥à¤¯à¤‚त महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हैं। घर डिजाइन करने तथा रसोईघर, à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯, शौचालय, अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¤•à¤•à¥à¤·, शयनककà¥à¤· आदि की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ करने में हम इन आठों दिशाओं और उनसे संबंधित गà¥à¤°à¤¹ व देवता आदि के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की मदद लेते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वासà¥à¤¤à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° में हर दिशा का अपना अलग महतà¥à¤µ होता है। वासà¥à¤¤à¥à¤ªà¥à¤°à¥‚ष के अलावा वासà¥à¤¤à¥ निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में तकनीकी पकà¥à¤· का पोषण विशà¥à¤µà¤•à¤°à¥à¤®à¤¾ ही करते हैं। गृह निरà¥à¤®à¤¾à¤£ का सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ देने वाले विशà¥à¤µà¤•à¤°à¥à¤®à¤¾ ही थे। वे देवताओं के शिलà¥à¤ªà¤•à¤¾à¤° थे। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ चिंतकों व मनीषियों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में साधारण नियमों का पालन करना परम असवशà¥à¤¯à¤• है ताकि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤°à¥‚प दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अधिक महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ बनाया जा सके। किसी à¤à¥€ à¤à¥‚खंड को शà¥à¤ परिणामदायक बनाने की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से ‘वासà¥à¤¤à¥ पूजा’ अतà¥à¤¯à¤‚त अनिवारà¥à¤¯ है।
जो लोग à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¥‹à¤‚ व मकानों में रहते हैं जहां कोई वासà¥à¤¤à¥-दोष है, तो पिरामिड वासà¥à¤¤à¥ (पायरा वासà¥à¤¤à¥) के उपयोग से घर के वासà¥à¤¤à¥ दोष को दूर किया जा सकता है। पिरामिड में à¤à¤• विशिषà¥à¤Ÿ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° किरणें उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होती हैं, जो चेतन अचेतन- सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वासà¥à¤¤à¥à¤“ं पर अपना जादà¥à¤ˆ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ डालती हैं। पिरामिड किसी पदारà¥à¤¥ या शरीर में अंतनिरà¥à¤¹à¤¿à¤¤ ऊरà¥à¤œà¤¾ को जागà¥à¤°à¤¤ करता है। इसके चारों à¤à¤¾à¤— आतà¥à¤®à¤¿à¤• शकà¥à¤¤à¤¿ के दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• हैं। पिरामिड का पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ à¤à¤¾à¤— अंधकार का, पूरà¥à¤µà¥€ à¤à¤¾à¤— पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ का, उतà¥à¤¤à¤°à¥€ à¤à¤¾à¤— गरमी का तथा दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ à¤à¤¾à¤— ठंडक को पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है।
पिरामिड का विशेष आकार अपने आस-पास के वातावरण पर अनà¥à¤•à¥‚ल पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ डालता है। पिरामिड के मूल सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त वासà¥à¤¤à¥à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ही हैं।
पिरामिड दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वासà¥à¤¤à¥ दोष को दूर किया जा सकता है। पिरामिड को सही दिशा तथा सही कà¥à¤°à¤® में रखने से आदरà¥à¤¶ वासà¥à¤¤à¥ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होती है। घर के किसी à¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को ऊरà¥à¤œà¤¾à¤µà¤¾à¤¨ बनाने में पिरामिड वासà¥à¤¤à¥ सकà¥à¤·à¤® है। आज के आधà¥à¤¨à¤¿à¤• यà¥à¤— में सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ व धन के अà¤à¤¾à¤µ में संपूरà¥à¤£ वासà¥à¤¤à¥ के नियमों का पालन करना असंà¤à¤µ होता जा रहा है। इसी कारण अधिकतर घरों में वासà¥à¤¤à¥ दोष रह जाते हैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¤¾ व ठीक करना मंहगाई के कारण नामà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ होता है। à¤à¤¸à¥‡ में वासà¥à¤¤à¥ दोष दूर करने के लिठपिरामिड वासà¥à¤¤à¥ अचà¥à¤›à¤¾ उपाय है। वासà¥à¤¤à¥ दोष को दूर करने के लिठउस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पिरामिड, वासà¥à¤¤à¥ यंतà¥à¤° का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जाता है। जिससे नकारातà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ को पिरामिड गà¥à¤°à¤¹à¤£ करके सकारतà¥à¤®à¤• ऊरà¥à¤œà¤¾ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करता है।
पिरामिड का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— à¤à¥‚मि, à¤à¤µà¤¨, मनà¥à¤·à¥à¤¯ तथा घर के समान à¤à¤µà¤‚ वाहन तथा मशीन आदि की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ में किया जा सकता है।
पिरामिड की ऊरà¥à¤œà¤¾ के गà¥à¤£à¤¾à¤¤à¤®à¤• विसà¥à¤¤à¤¾à¤° में अंक 9 का विशेष महतà¥à¤µ है। अंक 9 का सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ मंगल है जो कि अगà¥à¤¨à¤¿ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• है। अगà¥à¤¨à¤¿ ऊरà¥à¤œà¤¾ का पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ रूप है। इसीलिठपिरामिड ऊरà¥à¤œà¤¾ के विसà¥à¤¤à¤¾à¤° के लिठà¤à¤• के नीचे नौ पिरामिड रखते हैं तथा उनमें से पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• के नीचे पà¥à¤¨à¤ƒ 9 पिरामिड रखकर ऊरà¥à¤œà¤¾ को कई गà¥à¤¨à¤¾ बà¥à¤¾à¤¯à¤¾ जा सकता है। वैसे à¤à¥€ अंक 9 सबसे बड़ी à¤à¤•à¤² संखà¥à¤¯à¤¾ है। इसलिठऊरà¥à¤œà¤¾ के अधिकतम विसà¥à¤¤à¤¾à¤° के लिठ9 का अंक पà¥à¤°à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ होता है।
पिरामिड यंतà¥à¤° का शकà¥à¤¤à¤¿ उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤•-सूतà¥à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ विदà¥à¤¯à¤¾à¤“ं से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ है। पिरामिड में अंक 9 की शकà¥à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जीवन पर गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• पड़ता है। जनà¥à¤® से लेकर मृतà¥à¤¯à¥à¤•à¤¾à¤² तक गà¥à¤°à¤¹ हमारे जीवन को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करते हैं। इसीलिठपिरामिड चिप नौ पिरामिडों को लेकर बनायी गयी है ताकि गà¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚ की अनà¥à¤•à¥‚लता पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो सके। पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ विदà¥à¤¯à¤¾à¤“ं में 9x9 के सूतà¥à¤° का उपयोग कई तरह से किया गया है। जैसे- अंक जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· में 9 अंक, जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· में- 9 गà¥à¤°à¤¹, वासà¥à¤¤à¥ तथा फेंगशà¥à¤ˆ में 9 खंड, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯, मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® और चीनी पांपरागत यंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ इसका उपयोग है। 9 का अंक शकà¥à¤¤à¤¿ का उतà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤• सà¥à¤°à¥‹à¤¤ है।