बैठक कमरा ईशान, पूर्व या उत्तर में बनाएँ लाभदायक है। सुख समृद्धि वैभव की प्राप्ति होती है।
कमरे का भारी सामान दक्षिण, पश्चिम या नेऋत्य में रखें।
घर का मुखिया सदस्य उत्तर या पूर्व मुखी बैठें।
हाॅल के अग्निकोण या वायव्य में टीवी रखें।
हॉल के अग्निकोण या वायव्य में कूलर, ए.सी, पावर प्वाइंट लगाएँ।
टेलीफोन वायव्य या अग्निकोण में रखें।
फैक्स, कम्प्यूटर वायव्य या अग्निकोण में रखें।
बैठक कक्ष में किसी जानवर या रोते हुए बच्चे, औरत, पशु-पक्षी या महाभारत की तस्वीर न लगाएँ।
बैठक कक्ष में कोई भी फर्नीचर गोल, त्रिभुजाकार, अण्डाकार, षट्भुजाकार न रखें।
उत्तर एवं पूर्वी दीवार की ओर कुर्सियाँ या हल्के सामान रखें।
हॉल के दक्षिण-पश्चिम नेऋत्य में सीढ़ी बना सकते हैं।
Pooja/Tantra पूजा / तंत्र
आपकी वर्तमान एंव भविष्य की परेशानियों एंव कष्टों को दूर करने हेतु मंत्र तंत्र, अनुष्ठान एंव यज्ञ का प्रावधान है जिससे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एंव शिक्षा आदि परेशानियों को दूर किया जा सकता है।
सिद्ध यंत्र, सिद्ध लाकेट, सिद्ध रुद्राक्ष एंव सिद्ध मालायें धारण करने एंव मंत्रों के जाप से पति-पत्नि बशीकरण, मुकदद्मा जीतने, शिक्षा एंव नौकरी की रूकावटों, शारीरिक, मानसिक परेशानी दूर की जा सकती है।
हम अपनी ज्योतिष, तंत्र शिक्षा प्रसार समिति द्वारा ज्योतिषशास्त्र, वास्तुशास्त्र एवं अंकविज्ञान आदि की शिक्षा प्रदान करते है। यह संस्था अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ, नई दिल्ली से सम्बद्ध (affilated) है।
आपको ज्योतिष एंव वास्तु का ज्ञान प्रदान करके जीवन की उन्नति हेतु हम द्वि-मासिक
"भविष्य निर्णय" पत्रिका, भविष्य दर्शन पंचांग कालदर्शक (कलेण्डर) एवं लघु पाकेट पंचांग का प्रकाशन करते हैं।
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