Bhavishy Darshan
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Tantrik Pendant/ तांत्रिक लाकेट

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Rashiphal / राशिफल

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दीक्षान्त समारोह फोटो

 
टी मार्ग या वाई मार्ग à¤¸à¤‚धि पर स्थिति भूखंड
टी मार्ग या वाई मार्ग संधि पर स्थिति भूखंड :- इन भूखंडों में अशुभ ऊर्जा (छमहंजपअपजल) का संचार होता रहता है। सड़क पर आने जाने वाले वाहनों के कारण, सामने से तीर की तरह अशुभ ऊर्जा के विषैले बाण घर में प्रवेश करते रहते हैं। इसी कारण घर में रहने वालों को अपेकों संकटों का सामना करना पड़ता है। ऐसे भूखंडों में अशुभ ऊर्जा के संवहन को रोकने के लिए निम्न तरीके से पिरामिड यंत्र की दीवार भूखंड के भीतरी व बाहरी हिस्सों में लगाएं इस प्रकार से पिरामिड के प्रयोग नकारत्मक ऊर्जा कर प्रवाह बंद हो जायेगा और भवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
 
 

वीथीशूल होने पर :- भुखंड के समीप से निकलने वाले मार्ग यदि भूखंड पर तीर की तरह चुभते हैं तो वीथीशूल कहलाता है। इस दोष को समाप्त करने के लिए भूखंड की दिशा में जहां वीथीशूल हो रहा हो, 9 पिरामिड बराबर-बराबर कर दूरी हैं।
 

आकृति संबंधी दोष :- भवन के निर्माण के लिए आयताकार प्लाॅट को अति शुभ माना गया है। भूखंड में चारों कोने 90 डिग्री के कोण के होने चाहिए। भूखंड में आकार संबंधी कोई भी दोष होने पर भूखंड के मध्य में 9, 81 या 729 पिरामिड भूखंड के आकार के अनुसार दबाये जाते हैं।


1.   इस प्रकार की आकृति से संबंधित दोष को तीन प्रकार से सुधारा जा सकता है। प्रथम ब्रह्मस्थल को पिरामिड यंत्रों की 9, 81 की संख्या में लगाकर। यह संख्या भूखंड के बड़े या छोटे होने पर निर्भर करती है।
 
2.   à¤¦à¥‚सरा कटे हुए भाग को ऊर्जित करके।
 
3.   à¤¤à¥€à¤¸à¤°à¤¾ भूखंड के दक्षिण के भाग को बढ़ा हुआ मानकर उसे पिरामिड यंत्र लगाकर अलग करना ताकि भूखंड का आकार वर्गाकार हो जाये।
 
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