पिरामिड अनेक चमत्कारी शक्तियों से युक्त होता है। इसके द्वारा जीवन को सुखमय, निरोगी व समृद्धिशाली बनाया जा सकता है।
पिरामिड केवल यंत्र नहीं है, बल्कि पिरामिड और यंत्र का शक्तिशाली स्वरूप है। पिरामिड के लिए सबसे उपयुक्त वस्तु वह है, जो प्राकृतिक हो। जैसे- पत्थर, लेकिन उन्हें पत्थर से बनाना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। इसलिए पीतल का उपयोग किया जाता है। पीतल के पिरामिड बिना जंग लगे जमीन में काफी लंबे समय तक रह सकते हैं।
लकड़ी के पिरामिड का सर्वाधिक प्रयोग पिरामिड जल बनाने में किया जाता है। पिरामिड जल ‘मेडिकल क्योर’ में उपयोग होता है।
कांच का पिरामिड घरों में ‘स्वेस एनर्जी’ बढ़ाने के लिए होना चाहिए। शहरों में मकान एक-दूसरे से इतने अधिक सटे होते हैं कि उनमें सूर्य का प्रकाश ठीक ढंग से नहीं प्रवेश करता, इसलिए पर्याप्त रूप से प्रकाश पाने के लिए कांच के पिरामिड का उपयोग करें।
प्लास्कि के पिरामिड को प्रयोग करते समय पिरामिड की तांवे की कैप प्लास्कि के पिरामिड के ऊपर अवश्य लगाकर अपनी इच्छापूर्ति के लिए सकते हैं। इस प्रकार के पिरामिड को टेबल पर, पलंग पर तथा अनेकों स्थानों पर रख सकते हैं। प्लास्टिक की पिरामिड चिप का प्रयोग तांवे की कैप लगाकरकर सकते हैं, जिसका प्रयोग अत्यंत लाभदायक सिद्ध होता है।
तांबे एवं पीतल के पिरामिड का प्रयोग पूजाघर में रखने के लिए अधिक होता है। इसके अलावा स्नान करने वाले जल में कुछ समय पूर्व इस पिरामिड को डाल दें, जिससे वह शक्तिदायक बने।
कागज के पिरामिड टोपी या कोन के रूप में घर में भी बनाया जा सकता है। इसका प्रयोग अध्ययन तथा ध्यान- साधना के लिए किया जाना चाहिए। इस पिरामिडाकृति को सिर पर रखने से एकाग्रता बढ़ती है।
मिश्रित धातु से बने पिरामिड के लिए पांच धातुओं का चयन अनिवार्य है, उनको समान अनुपात में लेकर ही यह पिरामिड बनता है।
खोखले पिरामिड को ‘ओपन पिरामिड’ भी कहा जाता है। इसे नीचे से पूरा खोला जा सकता है। यह एक प्रकार से पिरामिड का कवर होता है जिसे नीचे बैठकर ध्यान, अध्ययन या अन्य महत्वपूर्ण कार्य एकाग्रता के साथ किये जा सकते हैं।
इस प्रकार आधुनिक युग में भौतिक अनुसंधानों की सहायता से कोई वस्तुओं द्वारा तरह-तरह के पिरामिड बनाये जा सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि जिस वस्तु के द्वारा हम पिरामिड बना रहे हैं। पिरामिड बनाने में लकड़ी, गत्ता, हार्डबोर्ड, प्लास्टिक तथा कागज आदि का प्रयोग कर रहे हैं तो उनके ऊपर पिरामिड की तरह बानी तांवे की केप लगाकर प्रयोग में लाना चाहिए । यदि धातु का प्रयोग कर रहे है तो ताँवे की कैप लगाना आवश्यक नहीं हैं