(Tarot Card Predictions) कार्ड रीडिंग के लिए कुछ सुझाव दो बार कतई न पूछें। एक ही प्रश्न को एक दिन में दुबारा पूछा जाना वर्जित है। यदि प्रश्न के उत्तर से आप संतुष्ट नहीं हो तो शांत रहिए। यह तो जीवन का हिस्सा है। हर समय ही आपकी हर जिज्ञासा पूरी तरह शांत कहां हो पाती है। जैसे आपको किसी प्रश्न का प्रत्याशित उत्तर नहीं मिलता तो यह भी उसी जीवन का हिस्सा है जो मनचाही गति से एक निश्चित दिशा में नहीं जाता। याद रखिए, उत्तर निर्भर है उस वक्त जो ऊर्जा कार्यरत है, उनकी तीव्रता यास्पष्टता पर। भविष्य में परिवर्तन तो आ ही सकता। जैसे-जैसे आपकी ऊर्जाओं में परिवर्तन आएगा, भविष्य भी उसी के अनुसार परिवर्तित होता जाएगा। फिर, यदि कोई बात आज असंतुष्ट छोड़ती है तो उसके बारे में कल या दूसरे दिन पूछा जा सकता है। अच्छे प्रश्न ही पूछे। वास्तव में अच्छे प्रश्नों से ही उत्तम प्रश्न पैदा होते हैं। हां/ना जैसे प्रश्न के बताए ऐसे प्रश्न पूछें। जिनमें स्पष्टता ज्यादा हो-जैसे आजकल मेरे रिश्ते किस दिशा कीआरे जा रहें हैं? या यदि मैं यह नौकरी स्वीकार कर लूं तो मेरा भविष्य कैसा होगा? इस प्रकार के प्रश्न न सिर्फ प्रश्नकर्ता की मानसिक स्थिति ज्यादा उजागार होगी, अन्य संलग्न लोगों का प्रभाव भी स्पष्ट प्रकट हो जाएगा। हां (Yes)/ना (No) प्रश्न Four Types: 1. एक ही पत्ताः (The Single Card System) इसका इस्तेमाल विशेष कर ऐसे प्रश्नों के लिए किया जाता है, जिनका जवाव ‘हां’ या ‘नहीं’ में दिया जा सकता है। इसके लिए समूह में से एक पत्ता लिया जाता है, जिससे ‘हां’ या ‘नहीं’ में सीधा जवाब प्रस्तुत किया जा सकता है 2. तीन पत्तों का फैलावः (The Three Card System) इस फैलाव द्वारा अधिकतर प्रश्नकर्ता पर ध्यान लगाया जाता है, जैसे वह क्या सोचता है और उसकी परिस्थितियां कैसी हैं? उसके लिए कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध है? एक खास समाधान चुने जाने पर वह उसे अनुरुप स्वयं को ढाल सकेगा या नहीं? 3. हॉर्स शू स्प्रेड (The Seven Card System) इसके लिए 7 पत्तों का उपयोग किया जाता है। इस फैलाव का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रश्नकर्ता की परिस्थितियो, अवस्था, विभिन्न पक्षों के कारण तथा प्रभाव, उसका व्यक्तित्व आदि तथा अंततः भविष्यफल का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। 4. सेल्टिक क्रॉस फैलावः (The Ancient Keltic Method) इसके लिए 10 पत्तों का उपयोग किया जाता है। इस फैलाव का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रश्नकर्ता की परिस्थितियो, अवस्था, विभिन्न पक्षों के कारण तथा प्रभाव, उसका व्यक्तित्व आदि तथा अंततः भविष्यफल का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। | ||||||||||||||||||||
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