Bhavishy Darshan
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Favourable Gems/राशि रत्न


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Tantrik Pendant/ तांत्रिक लाकेट

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Rashiphal / राशिफल

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दीक्षान्त समारोह फोटो

 
मंत्र कार्य कैसे करता है?
      मंत्र केवल ध्वनि ही नहीं है। अपितु उसके मूल में स्वर व व्यंजनों में पूर्ण तत्व विद्यमान है। प्रत्येक मंत्र वर्णो के समूह से निर्मित होता है। प्रत्येक वर्ण में एक शक्ति तत्व व अस्तित्व होता है। मंत्र उच्चारण से एक विशिष्ट ध्वनि कंपन उत्पन्न होता है जो तुरन्त आकाश तत्व में मिलकर पूरे विश्व में, नहीं ब्रह्माण्ड में व्याप्त हो जाती है। मानों हम सूर्य के मन्त्रों का उच्चारण लयबद्ध तरीके से व विशिष्ट पद्धति से करते है। उसके उच्चारण से एक विशिष्ट कम्पन्न उत्पन्न हुआ। वह सारे ब्रह्माण्ड में व्याप्त हो गई। वह ध्वनि सूर्य तक पहुँच गई। फिर वहाँ से टकरा कर लौट पड़ी। लौटते हुए उसमें सूर्य की शक्ति, तेजस्विता, कारकत्व विद्यमान हो जाते है। जो पुनः जातक के शरीर से टकरा कर उसमें सूर्य के गुण, कारकत्व व तेज भर देते हैं। जिस प्रकार हम घर में रेडियों टी. वी. देखते है भारत में बैठे अमरीका, कनाड़ा, जापान को देखते व सुनते हैं।
      मंत्र में शिव, शक्ति व आत्मा तीनों तत्वों का उचित सांमजस्यपूर्ण अस्तित्व होता है शिव निरापद है। शक्ति सानद्र है। शिव शक्ति के माध्यम से ही सृष्टि की रचना, स्थिति व संहार करता है। इन कृत्यों का आधार आत्मा होती है। शिव, शक्ति व आत्मा ये तीन ही तत्व सर्वोपरि है। मंत्र शिव व शक्ति के उचित सामंजस्य के कारण ही योग व मोक्ष दोनों गतियां देने में समर्थ है।
      1. मन्त्र क्या है? वह कैसे प्रभावित करता है? अनिष्ट फल को कैसे दूर करता है?
      2. मंत्र कार्य कैसे करता है?
      3. मंत्र व स्तोत
      4. मन्त्र - सामर्थ
      5. अंतश्चेतन को जाग्रत करने के लिये
      6. साधन किस मास में आरम्भ की जाये?
      7. जप का विशेष महत्व है। जप की कुछ सावधानियाँ
      8. जप तीन प्रकार का होता है
      9. माला संस्कार
      10. माला फेरते हुए कुछ सावधनियाँ
      11. पुष्प- शास्त्रों में पूजन के लिये पुष्प का विशेष महत्व
      12. पुरश्चरण
      13. यज्ञ/हवन


Pooja/Tantra           पूजा / तंत्र

    आपकी वर्तमान एंव भविष्य की परेशानियों एंव कष्टों को दूर करने हेतु मंत्र तंत्र, अनुष्ठान एंव यज्ञ का प्रावधान है जिससे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एंव शिक्षा आदि परेशानियों को दूर किया जा सकता है।

विवाह तंत्र घट विवाह अनुष्ठान अनुकूल रत्न
 
Our Products           हमारे उत्पाद

    सिद्ध यंत्र, सिद्ध लाकेट, सिद्ध रुद्राक्ष एंव सिद्ध मालायें धारण करने एंव मंत्रों के जाप से पति-पत्नि बशीकरण, मुकदद्मा जीतने, शिक्षा एंव नौकरी की रूकावटों, शारीरिक, मानसिक परेशानी दूर की जा सकती है।

सिद्ध पूजा यंत्र सिद्ध-रुद्राक्ष मालायें सिद्ध लाकेट
Education              शिक्षा

    हम अपनी ज्योतिष, तंत्र शिक्षा प्रसार समिति द्वारा ज्योतिषशास्त्र, वास्तुशास्त्र एवं अंकविज्ञान आदि की शिक्षा प्रदान करते है। यह संस्था अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ, नई दिल्ली से सम्बद्ध (affilated) है।

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Publications           प्रकाशन

    आपको ज्योतिष एंव वास्तु का ज्ञान प्रदान करके जीवन की उन्नति हेतु हम द्वि-मासिक "भविष्य निर्णय" पत्रिका, भविष्य दर्शन पंचांग कालदर्शक (कलेण्डर) एवं लघु पाकेट पंचांग का प्रकाशन करते हैं।

पत्रिका कलेण्डर पंचांग लेख

 
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