Bhavishy Darshan
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Favourable Gems/राशि रत्न


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Tantrik Pendant/ तांत्रिक लाकेट

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Rashiphal / राशिफल

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दीक्षान्त समारोह फोटो

 
जप का विशेष महत्व है। जप की कुछ सावधानियाँ
1. स्थान स्वच्छ रहना चाहिये व स्वच्छ कपड़े पहने चाहिये। जप आसन पर बैठकर करना चाहिये।
2. जप करते समय पैर या स्वयं हिलना नहीं चाहिये।
3. जप करते समय पैर फैलाने नहीं चाहिये। बीच बीच में बाते करना, संकेत करना, नाखुन कुतरना, धागा तोड़ना, चावलों या सुपरियों या गहनों से खेलना, गर्दन हिलाना वालों पर हाथ फेरना, बाल बांधना, शरीर हिलाना आदि वर्जित है।
4. जप संख्या का संकल्प करके नित्य उसी संख्या में करना चाहिये। बिना संख्या के संकल्प के जप करने से जप के फल का नाश होता है।
5. प्रातः काल में नाभि, मध्याह्न में हृदय और सायंकाल में नासिका के पास हाथ रखकर जप करना चाहिये।
6. शिथिलता, घमंड, मोह, क्रोध व निद्रा ये जप के शत्रु है।
7. भोजन सात्विक होना चाहिये। साधना काल में एक समय भोजन उत्तम रहता है।
8. भोजन व पानी लेते समय इष्ट देव को समर्पित कर लेना चाहिये।
9. ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिये।
10. जमीन पर सोना चाहिये। वह भी जहां बैठकर साधना की जाए।
11. अंधेरे में नहीं सोना चाहिये।
12. हजामत नहीं बनानी चाहिये। ठण्डे पानी से नहाना चाहिये।
      1. मन्त्र क्या है? वह कैसे प्रभावित करता है? अनिष्ट फल को कैसे दूर करता है?
      2. मंत्र कार्य कैसे करता है?
      3. मंत्र व स्तोत
      4. मन्त्र - सामर्थ
      5. अंतश्चेतन को जाग्रत करने के लिये
      6. साधन किस मास में आरम्भ की जाये?
      7. जप का विशेष महत्व है। जप की कुछ सावधानियाँ
      8. जप तीन प्रकार का होता है
      9. माला संस्कार
      10. माला फेरते हुए कुछ सावधनियाँ
      11. पुष्प- शास्त्रों में पूजन के लिये पुष्प का विशेष महत्व
      12. पुरश्चरण
      13. यज्ञ/हवन

Pooja/Tantra           पूजा / तंत्र

    आपकी वर्तमान एंव भविष्य की परेशानियों एंव कष्टों को दूर करने हेतु मंत्र तंत्र, अनुष्ठान एंव यज्ञ का प्रावधान है जिससे शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एंव शिक्षा आदि परेशानियों को दूर किया जा सकता है।

विवाह तंत्र घट विवाह अनुष्ठान अनुकूल रत्न
 
Our Products           हमारे उत्पाद

    सिद्ध यंत्र, सिद्ध लाकेट, सिद्ध रुद्राक्ष एंव सिद्ध मालायें धारण करने एंव मंत्रों के जाप से पति-पत्नि बशीकरण, मुकदद्मा जीतने, शिक्षा एंव नौकरी की रूकावटों, शारीरिक, मानसिक परेशानी दूर की जा सकती है।

सिद्ध पूजा यंत्र सिद्ध-रुद्राक्ष मालायें सिद्ध लाकेट
Education              शिक्षा

    हम अपनी ज्योतिष, तंत्र शिक्षा प्रसार समिति द्वारा ज्योतिषशास्त्र, वास्तुशास्त्र एवं अंकविज्ञान आदि की शिक्षा प्रदान करते है। यह संस्था अखिल भारतीय ज्योतिष संस्था संघ, नई दिल्ली से सम्बद्ध (affilated) है।

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Publications           प्रकाशन

    आपको ज्योतिष एंव वास्तु का ज्ञान प्रदान करके जीवन की उन्नति हेतु हम द्वि-मासिक "भविष्य निर्णय" पत्रिका, भविष्य दर्शन पंचांग कालदर्शक (कलेण्डर) एवं लघु पाकेट पंचांग का प्रकाशन करते हैं।

पत्रिका कलेण्डर पंचांग लेख

 
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