अंक 4 - स्वामी हर्षल
मूलांक
| 21 जून से 31 अंगस्त के मध्य उत्पन्न लोगों पर विशेष प्रभाव रहता है। |
शुभ तारीखें
| 4, 13, 22, 31 |
सहायक तारीखें
| 2, 11, 20 ,29 |
शुभ वर्ष
| 4, 13, 22, 31, 40, 49, 58, 67, 76, 85 |
शुभ दिन
| रविवार, सोमवार, शनिवार |
शुभ ग्रह
| राहु |
अशुभ ग्रह
| मंगल और शनि |
मित्र राशि
| कर्क और तुला |
शुभ रंग
| धूप-छांव, नीला, भूरा, चटक, रंग |
अशुभ रंग
| पीला, हल्का वैगनी, लाल, साइनी पिंक |
शुभ रत्न
| नीला, पुखराज, गोमेद, जर्कन |
शुभ धातु
| अलोह, कास, ऐलमुनियम, अष्टधातु
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शुभ दिशा
| दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम |
मित्र अंक
| 1, 8 |
सम अंक
| 2, 6, 7, 9 |
शत्रु अंक
| 3, 5 |
दान की वस्तु |
लाल पदार्थ व खाद्यान्न |
स्वास्थ्य समस्या
| खून की समस्या और जानवरो से हानि
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उपाय |
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व्यवसाय |
शराब, स्प्रिट, तेल, केरोसिन, पारा, अर्क, इत्र, रेल विभाग, वायु सेना,जलदाय विभाग, कुलीगिरी, टेक्नीशियन, रंगसाजी, इंजीनियरिंग, नवशानवीय, दर्जी, बढ़ई, डिजाइनर, छापे का कार्य, बाबू-गिरी, टेलीफान आपरेटर, स्टेनो टाइपिस्ट, शिल्प कार्य, पत्रकारिता, संग्रहकता, विद्युत कार्य, भाषण, उपदेशक, राज्य कर्मचारी, खान मजदूर, ठेकेदारी, मोटर चालाक आदि |
वनस्पति |
नागबेल, लोबान, तिल के पत्रा, बचा, गडूची और तगर आदि औषधियों का चूर्ण कर, पानी में डाल कर स्नान करना सभी प्रकार के रोगों से मुक्तिदायक रहेगा। |
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